Bhopal
✍️रिपोर्टर देवेन्द्र कुमार जैन भोपाल, मध्यप्रदेश
सामाजिक समरसता के भाव को जीवन में उतारने की जरुरत: राज्यपाल पटेल "ब्राउस का चतुर्थ दीक्षांत समारोह" संपन्न:
✍️रिपोर्टर देवेन्द्र कुमार जैन भोपाल, मध्यप्रदेश
विश्वविद्यालय सदैव ज्ञान का केंद्र रहे हैं। विश्वविद्यालयों का काम मात्र डिग्री प्रदान करना नहीं है, अपितु युवाओं को देश की एकता, अखंडता, राष्ट्र निर्माण और विकास का कर्णधार बनाना है। इसके लिए सही रास्ता एवं मार्गदर्शन देने का काम शिक्षा संस्थानों को करना चाहिए। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा वंचित वर्ग के कल्याण पर विशेष जोर दिया जा रहा है।
विश्वविद्यालय उच्च गुणवत्तापूर्ण शोध एवं शिक्षण को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य करे। उक्त बातें मध्य प्रदेश के राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय के कुलाधिपति मंगुभाई पटेल ने डॉ.बी आर अम्बेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय के चतुर्थ दीक्षांत को संबोधित करते हुए कही। अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए राज्यपाल ने कहा कि मेरी अपेक्षा है कि विश्वविद्यालय समाज के साथ जुड़कर, सामुदायिक विकास तथा युवाओं में अधिक व सशक्त नेतृत्वशीलता विकसित कर शाश्वत विकास के लक्ष्यों की प्राप्ति में सक्रिय योगदान करे। डॉ. अम्बेडकर के जीवन दर्शन को आत्मसात कर एक स्वस्थ समाज की स्थापना करने की आवश्यकता है। विश्वविद्यालय उपलब्ध भौतिक संसाधनों का और अधिक समुचित उपयोग करते हुए समाज के कमजोर वर्गों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर, शासन द्वारा चलायी जा रही अनेक कल्याणकारी योजनाओं को उनके लक्षित समूह तक पहुँचाने में महती भूमिका अदा करेगा।
मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि युवाओं को आगे आकर भारत के गौरवशाली अतीत को पुनर्स्थापित करने की शुरूआत करनी चाहिए। तत्कालीन सामाजिक एवं जातिगत बुराइयों से निकलकर भारतवर्ष को कैसे आगे ले जाना है, इस चिंता को साकार रूप देने में बाबा साहब डॉ. अम्बेडकर का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
संविधान के मूल प्रति में अंकित चित्रों की प्रदर्शनी लगाने की आवश्यकता है, जिससे आमजन परिचित हो सके। उच्च शिक्षा और नवोन्मेषी पाठ्यक्रमों को शुरू करने सहित कृषि शिक्षा को बढ़ावा देने पर जोर दिया जाना चाहिए।
बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय, लखनऊ के कुलाधिपति डॉ. प्रकाश सी. बरतूनिया ने दीक्षांत उद्बोधन में कहा कि डॉ. अम्बेडकर ने भारतीय समाज के विषय में अनेक मौलिक स्थापनाएँ प्रस्तुत की हैं।
विशिष्ट अतिथि संस्कृति, पर्यटन एवं अध्यात्म मंत्री उषा ठाकुर ने कहा कि विश्वविद्यालय राष्ट्रहित की संस्था है। समस्याओं का समूल निदान मिलकर करने की जरुरत है। शपथ एक साधना है। दीक्षा उपादान से प्राप्त ज्ञान को प्रज्ञान में बदलने की जरुरत है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डी के शर्मा ने कहा कि शिक्षा समाज की उन्नति एवं सभ्यता के प्रगति की आधारशिला है। विश्वविद्यालय केंद्रित शिक्षा का मूलभूत उद्देश्य जीवनमूल्यों को विकसित कर संस्कारों को परिष्कृत करना है। दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति द्वारा विभिन्न अध्ययनशालाओं के पी.एच.डी. एवं एम. फिल. के 48 शोधार्थियों को उपाधि प्रदान की गयी।
11/26/2022 04:24 PM