Aligarh
जिलाधिकारी ने निभाई गाइड की भूमिका: स्कूली छात्राओं को कराया कलैक्ट्रेट भ्रमण।
छात्राओं को शिकायत निस्तारण, अभिलेखागार एवं विभिन्न पटलों के साथ ही पत्रावलियों के रखरखाव के सम्बन्ध में दी जानकारी
अलीगढ़। जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह की इसे सहजता कहे या सरलता, गंभीरता कहें या संवेदनशीलता। शिकायतकर्ता हो या कोई समस्याग्रस्त व्यक्ति सभी को इतने प्यार से सुनते हैं कि वह संतुष्ट होकर ही कलक्ट्रेट से बाहर जाता है। डीएम समस्याओं शिकायतों के प्रति इतने गंभीर एवं संवेदनशील हैं कि वह प्रातः 9ः30 बजे कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर जनता दर्शन शुरू कर देते हैं।
बुधवार को जिलाधिकारी के पास राजकीय इंटर कॉलेज छर्रा एवं राजकीय हाई स्कूल गंगीरी की छात्राओं का एक दल कलेक्ट्रेट भ्रमण के उद््देश्य से जा पहुंचा। डीएम ने सभी छात्राओं को कलेक्ट्रेट में गाइड की भूमिका अदा करते हुए स्थापित कार्यालयों के बारे में समझाया। उन्होंने बताया कि जिस प्रकार से उत्तर प्रदेश का लखनऊ में सचिवालय है, ठीक उसी प्रकार से अलीगढ़ मुख्यालय पर कलेक्टेªट के रूप में अपना सचिवालय है, जिसमें न्यायिक मामलों के निस्तारण के साथ ही प्रदेश सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का पात्र व्यक्तियों तक लाभ पहुंचाने एवं राजस्व संग्रह से जुड़े कार्यों को पूरा किया जाता है। इसके साथ ही कुछ अन्य कार्यालय जैसे- जिला पूर्ति कार्यालय, जिला बचत कार्यालय, जिला अल्पसंख्यक कल्याण, निर्वाचन, चकबन्दी, महिला कल्याण के कार्यालय भी यहां स्थापित हैं। इस दौरान उन्होंने शिकायत निस्तारण, अभिलेखागार एवं विभिन्न पटलों के साथ ही पत्रावलियों के उचित रखरखाव के सम्बन्ध में आवश्यक जानकारी उपलब्ध करायी।
डीएम बने शिक्षक:
छात्राओं को भ्रमण कराने के उपरांत उन्होंने निर्माणाधीन पार्क के सम्मुख उपस्थित शिक्षकों के द्वारा अध्यापन कार्य कराए जाने वाले विषयों विज्ञान, हिंदी, अंग्रेजी, गृह विज्ञान से जुड़े विभिन्न प्रकार के सवाल किये। शुरुआत में तो छात्राएं झिझक व संकोच के चलते अच्छे से उत्तर नहीं दे पा रही थीं, परंतु धीरे-धीरे उन्होंने डीएम के सवालों के जवाब देना शुरू किया। जिलाधिकारी ने छात्राओं को जीवन में ज्ञान की महत्ता के बारे में समझाते हुए डांसर प्रभुदेवा का उदाहरण प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि 12वीं पास प्रभुदेवा ने अपने साक्षात्कार में कहा है कि यदि वह ग्रेजुएट होते तो और भी बेहतर डांसर हो सकते थे। उन्होंने कहा जिंदगी में आगे बढ़ना है तो ज्ञान बटोरने में संकोच नहीं करना चाहिए। स्कूली जीवन, क्या प्रत्येक उम्र के व्यक्ति को हर समय अपने आंख, नाक, कान खुले रखने चाहिए। इस दौरान उन्होंने फिल्म थ्री इडियट्स फिल्म से भी नसीहत लेने की बात कही। उन्होंने शिक्षिकाओं को समझाया कि विद्यार्थियों को रूचिकर तरीके से उनके अंदाज में ही अध्यापन कार्य कराएं।
12/03/2022 06:59 AM


















