Aligarh
अलीगढ़ में कांग्रेस के विधायक के जीतने पर मुलायम सिंह यादव के पहली बार मुख्यमंत्री बनने की राह हुई थी आसान:
अलीगढ़ में पूर्व सांसद और तीन बार के विधायक रहे चौधरी विजेंद्र सिंह के जीतने पर मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्री बनने की राह आसान हुई थी. दरअसल सन् 1989 के विधानसभा चुनाव में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार विजेंद्र सिंह ने उस समय के ताकतवर नेता चौधरी राजेंद्र सिंह को इगलास विधानसभा सीट पर मात्र 64 वोट से हराया था. राजेंद्र सिंह चौधरी चरण सिंह के राइट हैंड माने जाते थे और 1989 में मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार थे, लेकिन चौधरी राजेंद्र सिंह की हार के बाद मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्री बनने की राह आसान हो गई .
चौधरी राजेंद्र सिंह इगलास विधानसभा से चार बार विधायक बने. वहींउनके पिता स्वतंत्रता सेनानी ठाकुर शिवदान सिंह भी तीन बार विधायक रहे. हालांकि चौधरी राजेंद्र सिंह से मुलायम सिंह यादव का खास रिश्ता था. मुलायम सिंह यादव, राजेंद्र सिंह के लखनऊ स्थित आवास पर रुकते थे, वही राजेंद्र सिंह के दोनों पुत्र सुनील सिंह और दिलीप सिंह को गोद में भी खिलाया था. हालांकि जब जसवंत नगर विधानसभा से मुलायम सिंह चुनाव हारे थे. तब राजेंद्र सिंह ने हीं मुलायम सिंह को विधान परिषद का सदस्य बनवाया था, साथ में ही उन्हें विधान परिषद का नेता प्रतिपक्ष भी बनवाया था.
पूर्व सांसद और तीन बार के विधायक विजेंद्र सिंह बताते हैं कि राजेन्द्र सिंह चौधरी चरण सिंह के शिष्य थे और उस समय पश्चिमी यूपी में राजेंद्र सिंह का बहुत दबदबा था और मुलायम सिंह के प्रतिद्वंदी के तौर पर राजेंद्र सिंह नंबर 1 माने जाते थे, लेकिन राजेंद्र सिंह के हारने के बाद मुलायम सिंह का दबदबा बढ़ गया. इसलिए कहा जाता है कि विजेंद्र सिंह के जीतने पर मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री बने. हालांकि उन्होंने कहा कि ईश्वर के आशीर्वाद से ही मुख्यमंत्री बनते हैं. लेकिन मुलायम सिंह यादव का संघर्ष और उनके कारनामों ने उनको मुख्यमंत्री बनाया. चौ विजेंद्र सिंह कहते हैं कि जब हम पहली बार एमएलए बनकर विधानसभा पहुंचे, तब मुलायम सिंह से मुलाकात हुई थी. बेनी प्रसाद वर्मा ने मुलायम सिंह यादव से मुलाकात कराई थी और बताया था कि इसी लड़के ने राजेंद्र सिंह को हराया था.
1989 जनता दल में चौधरी अजीत सिंह उभर रहे थे और राजेंद्र सिंह इसी गुट के नेता थे. लेकिन मुलायम सिंह यादव भी मुख्यमंत्री के पद की दावेदारी ठोकी थी. वही जब विजेंद्र सिंह ने राजेंद्र सिंह को 64 वोट से हराया. तो अजीत सिंह धड़े को झटका लगा और मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्री बनने की राह आसान हो गई. वही 5 दिसंबर 1989 को पहली बार मुलायम सिंह यादव यूपी के मुख्यमंत्री बने थे. सन् 1977 में जनता पार्टी की सरकार में मुलायम सिंह यादव सहकारिता व पशुपालन मंत्री थे, तो वही राजेंद्र सिंह कृषि और सिंचाई मंत्री बने थे.
पूर्व सांसद व तीन बार के विधायक चौधरी विजेंद्र सिंह बताते हैं कि 28 साल की उम्र में इगलास क्षेत्र का कांग्रेस से विधायक चुना गया था. उस समय मेरे सामने नेता प्रतिपक्ष ऍर पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह चुनाव लड़ रहे थे और वह मात्र 64 वोट से हारे थे. राजेंद्र सिंह के हारने के बाद मुलायम सिंह के मुख्यमंत्री बनने की राह आसान हो गई थी. उन्होंने बताया कि तीन बार राजेंद्र सिंह के पिता शिवराज सिंह विधायक रहे और चार बार राजेंद्र सिंह इगलास विधानसभा से विधायक चुने गए थे. चौधरी चरण सिंह की बहन गायत्री देवी भी यहीं से चुनाव जीती थी. पहली बार कांग्रेस की जीत से राजेंद्र सिंह का डाउनफॉल शुरू हुआ और मुलायम सिंह का भविष्य उज्जवल होता चला गया. विजेन्द्र सिंह कांग्रेस से तीन बार विधायक और सांसद बनने के बाद अब समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया था.
10/11/2022 08:18 AM


















