Aligarh
3. मकॉफ बेबी कफ सिरप
1. Promethazine Oral Solution
66 बच्चों की मृत्यु पर वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर चितरंजन सिंह ने कहा यह दुर्घटना नहीं महा दुर्घटना:
अलीगढ़। हरियाणा से संचालित कंपनी "मैडेन फार्मास्यूटिकल लिमिटेड" द्वारा निर्मित कथित सिरप
1. प्रोमीथाज़िन ओरल सॉल्यूशन
2. कोफैक्स मालिन बेबी कफ सिरप
3. मकॉफ बेबी कफ सिरप
4. मैग्रीप एन कोल्ड सिरप
1. Promethazine Oral Solution
2. Kofexmalin Baby Cough Syrup
3. Makoff Baby Cough Syrup
4. Magrip N Cold Syrup
इन चारों सिरप पर डब्ल्यूएचओ ने तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध इसलिए लगाया है कि भारत से निर्यात साउथ अफ्रीका के गंम्बीया में यह दवाइयां निर्यात जा रही थी, वहां अचानक 66 बच्चों की मृत्यु हुई है, जिसमें प्रमुख रुप से प्रारंभिक जांच में किडनी फेल होना पाया गया है, जिसके कारण वश डब्ल्यूएचओ ने तत्काल इस कंपनी की दवाइयों पर प्रतिबंध लगाया है उसके बाद भारत सरकार ने तुरंत संज्ञान लेकर एवं कड़ी कार्यवाही करते हुए इस दवाई को प्रतिबंधित किया गया है एवं राज्यों में भी प्रतिबंध लगाया जा रहा है।
मैक्सफोर्ट मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल के संचालक एवं 41 वर्षीय अनुभवी वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर चितरंजन सिंह ने बताया कि मैं इसका मानवीय पहलू समझ सकता हूं केवल किसी का भी एक बच्चा जाता है तो यह बहुत बड़ी कीमत होती है और 66 बच्चों की मौत होने का मतलब यह है कि कहीं ना कहीं किसी ना किसी स्टेज पर लापरवाही हुई है, जिसकी वजह से कोई ना कोई चीज ड्रग रेटेड है, इनफेक्टेड है, जो कफ सिरप में मानक हैं उनका पूरी तरह से पालन नहीं किया गया है, यह कहां पर किस स्टेज में ऐसा हुआ है यह कहना बड़ा मुश्किल है, लेकिन जो इसके परिणाम आए हैं वह वाकई बहुत चौंकाने वाले हैं।
डॉक्टर चितरंजन सिंह ने बताया कि यह केवल एक कंपनी की बात नहीं है इंपॉर्टेंट बात यह है कि यह भारतीय कंपनी है और यह कंपनी जितनी भी दवा बनाती है वह सब बाहर विदेशों में निर्यात करती है, तो विदेशों में जो भी दवाइयां हैं यहां भारत से जा रही हैं अगर उससे एक भी बच्चे का कोई नुकसान होता है तो यह पूरे भारतवर्ष के ऊपर लांछन लगता है, तो जो कुछ भी हुआ उसको हम कभी भी वापस नहीं ला सकते लेकिन मेरा जो दवाई बनाने वाली कंपनियां हैं उनको भारत सरकार की जितनी गाइडलाइन के अनुसार उनको पूरा किया जाना चाहिए, कहीं भी इस तरह की कोई भी चूक नहीं होनी चाहिए जो कि हर जिंदगी इस ग्लोब में है वह इंपॉर्टेंट है और मुख्य तौर पर वह दवाएं जिनसे भारत का नाम जुड़ा हुआ है उन्हें और भी सावधानी के साथ बनाने के प्रयास करने चाहिए, जिससे कोई भी चूक हमसे ना हो जाए और कोई घटना ना घटे।
दवाई बेन करने पर उन्होंने कहा कि यह अच्छा स्टेप है कि तुरंत संज्ञान लेकर दवाइयों को बैन किया गया, कहीं भी किसी भी रूप में यह दवा है जो मैडम फार्मास्यूटिकल कंपनी है उसकी किसी के पास भी कोई भी दवा है तो तुरंत डिस्पोज ऑफ कर दें, फैक दें, जो उचित लगे अगर किसी ने दवाइयां ली है तो कंपनी की लायबिलिटी बनती है कि वह उसका हरजाना दे और अपनी दवाइयों को वापस ले, और बेन करना एकदम उचित है जब कोई घटना हो जाती है तब जांच पड़ताल करके ही उसे आगे कार्रवाई की जाती है।
उन्होंने बताया कि हमारे यहाँ इस प्रकार की कोई भी दवाइयां नहीं रहती हैं और दवाइयों के जितने भी मॉलिक्यूलस रहते हैं वह स्टैंडर्ड उच्च स्तरीय कंपनियों के मॉलिक्यूल रहते हैं, यहाँ हर चीज का ध्यान रखा जाता है किसी भी दवा की वजह से किसी को कोई परेशानी ना हो और हम लोग दवाई चूज़ करते समय भी यह देखते हैं कि इस ड्रग कंपनी का क्या इतिहास रहा है। और सारी स्टैंडर्ड कंपनियां हैं जिससे हम लोग डील करते हैं हमारा मैक्सफोर्ट मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल की तरफ से यह प्रयास रहता है कोई भी इस तरह की दवाइयां हमारे पास ना रहे जो लोकल दवाइयां हैं वह कतई भी ना रहे और रही बात प्रॉफिट मार्जिन की इस और हम बिल्कुल भी नहीं सोचते हम बेहतर उपचार देने में भरोसा एवं कार्य करते हैं और किसी को उपचार में कोई दिक्कत ना हो इस पर ध्यान दे
डॉक्टर चितरंजन सिंह ने बताया कि हालांकि इस तरह की कंपनी की दवाइयां उन्होंने यूपी में नहीं देखी है और अलीगढ़ का तो सवाल ही नहीं होता और यह कंपनी यहां अलीगढ़ में चालू ही नहीं है तो मेरा अपना जो सुझाव है कि जो जितने भी लोग बच्चों को डील करते हैं वह स्टैंडर्ड कंपनी की दवाइयों का इस्तेमाल करें, और जितनी भी ऐसी कंपनियां है जिनका कोई भरोसा नहीं है कोई आधार नहीं है और वह दिखाते हैं कितने करोड़ का एक्सपोर्ट है और मार्केट में करोड़ों का कारोबार दिखाते हैं तो यह सब चूक कहां पर हुई है कंपनी की तरफ से यह कहना मेरे लिए बहुत मुश्किल है तो अपना प्रयास हमेशा ही रहना चाहिए कि अच्छी चीजें हमेशा चूज़ करें जिससे किसी का नुकसान ना हो।
एक जान जाने पर ही बहुत दुख होता है यहां तो दवा की वजह से डायरेक्टली ऐसा बोला जा रहा है कि इस दवा की वजह से 66 लोगों की जान गई है यह दुर्घटना नहीं महा दुर्घटना है इसके लिए जितना खेद व्यक्त किया जाए वह कम है क्योंकि एक परिवार के एक बच्चे की जान जाने पर ही बहुत अफसोस होता है यहां तो 66 जानें गई हैं।
10/07/2022 07:39 AM


















