Aligarh
देश और प्रदेश में मुस्लिम समुदाय बहुत दबाव और बेचैनी की स्थिति में है-प्रो. मुफ्ती जाहिद अली:
आज कन्वीनर तहफ्फुज ए मिल्लत कमेटी अलीगढ़ द्वारा द्वारा एक प्रैस वार्ता का आयोजन रेलवे रोड़ पर स्थित एक रेस्टोरेंट में किया गया। जानकारी देते हुए अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर मुफ्ती जाहिद अली ने बताया कि मुसलमानों को यह महसूस हो रहा है कि सरकार की नीति और काम करने का तरीका उनके हितों और नागरिक अधिकारों के सम्बंध में सकारात्मक नहीं है। इसकी वजह से मुस्लिम विरोधी सामाजिक तत्व कानून के डर से आज़ाद हैं, मुसलमानों को अपमानित करने में किसी को कोई झिझक नहीं हैं, सोशल मीडिया पर मुसलमानों के बारे में आपत्तिजनक बातें कहना एक सामान्य बात हो गयी है। हिन्दू युवकों को मुस्लिम महिलाओं के साथ सम्बंध बनाने के लिए प्रेरित और प्रशिक्षित किया जा रहा है और मुस्लिम परिवारों को तोड़ने व मुस्लिम घरों की इज़्ज़त को चोट पहुंचाने के प्रयास खुले आम किए जा रहे हैं। मुस्लिम लड़कियों के लिए असुरक्षा का माहोल बनता जा रहा है। मीडिया और सोशल मीडिया के द्वारा मुसलमानों के खिलाफ दुष्प्रचार करके और निराधार बातें करके एक तरफ मुसलमानों को हतोत्साहित किया जा रहा है और दूसरी तरफ़ देशवासियों के मन में मुसलमानों से घृणा पैदा करने की कोशिशें की जा रही हैं जिसका प्रभाव भी आम लोगों के व्यवहार में महसूस होने लगा है। ऐसा लगता है कि संघ परिवार के नैतृत्व में मुस्लिम समाज के खिलाफ एक चौतरफा अभियान चल रहा है। मुसलमान यह महसूस कर रहें हैं कि भाजपा शासन वाली सरकारें संविधान की मूल आत्मा के साथ काम करने के बजाए संघ परिवार की मनुवादी विचारधारा के प्रभाव में काम कर रही हैं और मुसलमानों के सशक्तीकरण की ड्यूटी पूरी करने के बजाए उनको और अधिक कमजोर करने की रणनीति के साथ कानून का दुरुपयोग कर रही हैं। मदरसों का सर्वे और उन्हें चन्दा देने वाले आम मुसलमानों की छानबीन, वक्फ जमीनों को बंजर ठहराकर उन पर कब्जा किया जा रहा है।
10/04/2022 06:03 PM