Bhopal
"विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस"पर विशेष आत्महत्या की रोकथाम के लिए परिजनों और मित्रों का जागरूक होना जरूरी:
भोपाल। रिपोर्टर देवेन्द्र कुमार जैन
विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस की शुरुआत 10 सितंबर 2003 को इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर सुसाइड प्रिवेंशन और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मिलकर एक ‘आत्महत्याओं को रोकने के लिए की। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने औपचारिक रूप से 10 दिसम्बर 2004 को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाने की घोषणा की थी। तब से हर साल 10 सितम्बर को आत्महत्या की रोकथाम के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
प्रति वर्ष विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस एक ख़ास विषय पर आधारित होता है। विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस 2022 की थीम का उद्देश्य यह है कि किसी भी समस्या के समाधान का आत्महत्या कभी हल नहीं हो सकता। बल्कि विपरीत परिस्थितियों या समस्या के समाधान के लिए सकारात्मक ऊर्जा के साथ किया जाने वाले संघर्ष हमेशा एक नई आशा पैदा करा है।
आत्महत्या को रोकने का सबसे अच्छा तरीका इसके लक्षणें को पहचानना और उस समस्या के समाधान के लिए, डिप्रेशन से बाहर निकलने के लिए मनोचिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। आत्महत्या का ख्याल किसी व्यक्ति में अचानक यू ही नहीं आता है। आर्थिक, मनोवैज्ञानिक, व्यक्तिगत, पारिवारिक, सामाजिक आदि कई कारण हो सकते हैं। जब व्यक्ति हर तरफ से बहुत परेशान होता है या बहुत निराश होता है तब परिजनों या मित्रों की यह जिम्मेदारी है कि उसे भावनात्मक, मानसिक, आर्थिक, शारीरिक अथवा उस समय जो आवश्यक हो उसकी मदद की जाए ताकि वह व्यक्ति खुद को अकेला महसूस न करे। आत्महत्या के विचार आने या लक्षणों से समस्या ज्ञात होने पर चुप्पी घातक हो सकती है। जीवन में निराशा या परेशानी आने पर लोगों से बात की जाए और समस्या को सुलझाने का प्रयास किया जाए। मनोचिकित्सक और काउंसलर ऐसे व्यक्तियों की काउंसिलिंग कर उन्हें मानसिक परेशानी से निकालने मददगार साबित होते हैं। मध्यप्रदेश सरकार ने आत्महत्या की रोकथाम एवं मानसिक बीमारियों के इलाज के लिए जिला चिकित्सालय में मनोचिकित्सक एवं काउंसलर पदस्थ किए हैं। आवश्यकता पड़ने पर इनकी सेवाए ली जानी चाहिए।
09/09/2022 04:38 PM