Bhopal
भोपाल। रिपोर्टर देवेन्द्र कुमार जैन
मुख्यमंत्री चौहान ने "विश्व पर्यावरण दिवस" के अवसर पर भोपाल में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया:
भोपाल। रिपोर्टर देवेन्द्र कुमार जैन
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा "विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर कुशाभाऊ ठाकरे सभागार, भोपाल में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पूरी दुनिया चिंता प्रकट कर रही है। धरती के अस्तित्व पर संकट है। ओजोन लेयर का लगातार क्षरण हो रहा है। ग्रीन हाउस गैसों का,आने वाले समय में यह जीवन के अस्तित्व पर ही प्रश्न चिन्ह लगा देगा, अपनी सुख सुविधा के लिए धरती को रहने लायक ही ना रहने दें। जितने भी विकसित देश हैं वे कार्बन उत्सर्जन को कम नहीं कर रहे हैं। तात्कालिक स्वार्थ ने हमारी आंखों पर पट्टी बांध दी। हम सभी जानते हैं, अगर ये तापमान बढ़ा, ग्लेशियर पिघलेंगे, समुद्र का जलस्तर बढ़ेगा। बहुत वैज्ञानिक अध्ययन मत करो, सतही तौर पर देखो, पहले गर्मी कैसे पड़ती थी अब कैसे पड़ती है।
नर्मदा जी मध्यप्रदेश की जीवन रेखा हैं,पहले नर्मदा के दोनों किनारों पर पेड़ और घास होते थे। अच्छी बारिश होती थी, नर्मदा जी के दोनों किनारों पर छोटे—छोटे झरने बहते थे, अब एक तरफ उद्योगों की मार, हमने पेड़ काट डाले, जंगल के जंगल समाप्त हो गए। हरित आवरण लगातार कम होता चला जा रहा है। ये गति अगर जारी रही तो कल धरती का क्या होगा। ये धरती ऐसी है जिसने कहा कि एक ही चेतना सभी में है। एक वयस्क पेड़ पर हजारों नहीं, लाखों जीव—जंतुओं को आश्रय मिलता है। कार्बन डाईऑक्साइड कौन सोखेगा। हजारों साल पहले से हमने पेड़ों की पूजा की। हम प्रकृति पूजक हैं, उनके बिना हमारा जीवन संभव नहीं है।
मैं लगातार सवा साल से पेड़ लगा रहा हूं। क्योंकि पेड़ ही पर्यावरण को बचाएगा, लेकिन क्या एक अकेले के पेड़ लगाने से काम चलेगा। ये केवल वन विभाग का काम नहीं है।
आज हम पर्यावरण दिवस के दिन मैं ये फैसला कर रहा हूं, हर एक सरकारी दफ्तर में जहां लग सकती है हम सोलर ऊर्जा का इंतजाम करेंगे, सोलर पैनल लगाएंगे।
साइकिल चलाओगे तो शरीर भी स्वस्थ रहेगा, अनेक बीमारियों से बच जाओगे, ये छोटे-छोटे उपाय पर्यावरण को बचाने में महत्वपूर्ण हो सकते हैं।
हम कोशिश कर रहे हैं औद्योगिकरण हो, लेकिन पर्यावरण की कीमत पर नहीं, तो जो कदम उठाना जरूरी हैं, हम करेंगे। मध्यप्रदेश में हम नशामुक्ति अभियान भी चला रहे हैं। वह गांव जो पूरी तरह से नशामुक्त होगा, उस गांव को हम एक लाख रुपए देने का भी काम करेंगे।
06/05/2022 09:39 AM


















