Bhopal
भोपाल। रिपोर्टर देवेन्द्र कुमार जैन
विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया गया अवर प्लेनेट, अवर हेल्थ की थीम पर हुए जागरूकता कार्यक्रम:
भोपाल। रिपोर्टर देवेन्द्र कुमार जैन
विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर गुरूवार को स्वास्थ्य संस्थाओं में स्वास्थ्य जागरूकता के लिए गतिविधियों का आयोजन किया गया। इस वर्ष "अवर प्लेनेट, अवर हेल्थ " की थीम पर विश्व स्वास्थ्य दिवस का आयोजन किया गया है। जिसमें पर्यावरणीय स्वास्थ्य एवं व्यक्तिगत स्वास्थ्य के संतुलन पर परिचर्चा सत्रों का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर स्वास्थ्य संस्थाओं में जनसमुदाय को पर्यावरणीय प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभावों के बारे जानकारी प्रदान की गई। विश्व स्वास्थ्य दिवस पर स्वास्थ्य संस्थाओं में स्वयं के स्वास्थ्य के साथ ही पयार्वरणीय स्वास्थ्य को सुधारने के लिए संकल्प लिया गया। साथ ही पर्यावरण की रक्षा के लिए पौधारोपण किया गया। वायु प्रदूषण एवं मौसम परिवर्तन का सबसे अधिक असर गर्भवती महिलाओं, छोट बच्चों एवे बुजुर्गों पर अधिक होता है। हेल्थ एण्ड वेलनेस सेण्टर्स में पदस्थ कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्स द्वारा लू, घरेलू प्रदूषण एवं इससे बचाव के उपायों के बारे समझाया गया। परामर्श सत्रों में बताया गया कि छोटे बच्चे धुआं या प्रदूषण के प्रभाव के प्रति विशेष रूप से संवेदनशील होते हैं। छोटे बच्चों की सांस लेने की दर वयस्कों से अधिक होती है। साथ ही वे प्रायः मुंह से भी सांस लेते हैं।
इसी प्रकार गर्भवती महिलाओं को भी वायु प्रदूषण के खतरों की गंभीरता अधिक होती है। लू एवं तापघात की तीव्रता के साथ ही बाढ़, सूखा, अतिवृष्टि से मानव स्वास्थ्य प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित होता है। जलवायु परिर्वतन के कारण अस्थमा एवं श्वसन संबंधी बीमारियां, कैंसर, कार्डियोवस्कुलर बीमारियां, स्ट्रोक, खाद्य जनित बीमारियां, पोषण, मानसिक स्वास्थ्य, स्ट्रेस, न्यूरोलॉजिकल बीमारियां, वेक्टर्न बोर्न, जलजनित एवं मौसमी बीमारियां परिलक्षित हो रही हैं ।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल डॉ. प्रभाकर तिवारी ने कहा कि व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए पर्यावरण की सुरक्षा करना बेहद ज़रूरी है। इसी को ध्यान में रखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अवर प्लेनेट, अवर हेल्थ की थीम के अनुरूप इस वर्ष विश्व स्वास्थ्य दिवस का आयोजन किया गया है। पर्यावरणीय असंतुलन के कारण ग्लोबल वार्मिंग तेजी से बढ़ रही है। दूषित वायु, दूषित जल और दूषित खाद्य पदार्थ हमारे स्वास्थ्य पर प्रत्यक्ष रूप से नकारात्मक प्रभाव डालते हैं।
वायु प्रदूषण के दो प्रमुख कारक हैं एक बाहरी कारक जैसे कि वाहनों, कारखानों इत्यादि से निकलने वाला प्रदूषित धुआं और दूसरा घर के भीतर होने वाला प्रदूषण जैसे गोबर, लकड़ी, चारकोल, भूसी, केरासिन, धूम्रपान इत्यादि । वायु प्रदूषण का संक्रमण सबसे प्रमुख रूप से हमारे फेफड़ों पर होता है।
गर्मी के मौसम में निर्जलीकरण, उल्टी, दस्त के केसेज़ अधिक देखने में आते हैं। दूषित जल एवं भोज्य पदार्थों से डायरिया, उल्टी एवं संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है। साथ ही वर्तमान मौसमकाल में मच्छरों की स्वाभाविक बढ़ोत्तरी होती है। इस समय मलेरिया के प्रकरण भी अधिक संख्या में दृष्टिगोचर होते हैं। मच्छरों से बचाव हेतु आस - पास के परिवेश को साफ़ रखना एवं मच्छरदानी का उपयोग करना आवश्यक है। उल्टी, दस्त, बुखार आने पर चिकित्सकीय उपचार लेना आवश्यक है।
विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर गुरूवार को स्वास्थ्य संस्थाओं में जांच, परामर्श एवं उपचार शिविरों का आयोजन किया गया। जिसमें उच्चरक्तचाप, मधुमेह एवं मौसम जनित बीमारियों की जांच की गई, साथ ही जीवनशैली एवं पोषण आहार संबंधी परामर्श प्रदान किया गया। हेल्थ एण्ड वेलनेस केन्द्रों पर स्वास्थ्यकर्मियों एवं आमजन द्वारा पौधारोपण किया गया।
04/07/2022 04:35 PM


















