Delhi
दिल्ली यूनिवर्सिटी के नॉर्थ कैंपस के पास भीड़ ने गौमांस बेचने के शक में दुकानदार चमन कुमार पर हमला:
नई दिल्ली। देश में गौमांस के शक में जानलेवा हमलों की घटनाएं बढ़ रही हैं। हरियाणा से तो ऐसी खबरें आम हैं। लेकिन दिल्ली में बुधवार को ऐसी घटना हुई। इससे पहले अलीगढ़ में ऐसी ही घटना हुई थी। गुंडा तत्वों ने तीन मुस्लिम युवकों पर गौमांस के शक में जानलेवा हमला किया था। अलीगढ़ प्रशासन का कहना है कि लैब से पुष्टि हो गई कि वो गोमांस नहीं था, जिसकी वजह से युवकों पर हमला हुआ।
दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस के नजदीक विजय नगर क्षेत्र में बुधवार रात (28 मई) को एक गंभीर घटना सामने आई, जिसमें एक भीड़ ने गौमांस बेचने के संदेह में एक दुकानदार के साथ मारपीट की। दुकान मालिक, जिनकी पहचान चमन कुमार के रूप में हुई है, उनकी दुकान का नाम 'नॉर्थ ईस्ट स्टोर' बताया गया है। यह घटना रात 9 से 10 बजे के बीच हुई।
पुलिस के अनुसार, कुछ लोगों को संदेह हुआ कि चमन कुमार की दुकान पर गौमांस बेचा जा रहा है। इस संदेह के आधार पर भीड़ ने दुकानदार के साथ मारपीट शुरू कर दी। नॉर्थवेस्ट दिल्ली के डीसीपी भीष्म सिंह ने बताया, "गौमांस बेचने के संदेह पर कुछ लोगों ने दुकानदार को पीटा। उनका तुरंत मेडिकल परीक्षण कराया गया।"
शिकायतकर्ता एक 15 वर्षीय स्थानीय नाबालिग है। पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है और मामले की तह तक जाने के लिए तथ्यों की पड़ताल की जा रही है। अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि दुकान में वास्तव में गौमांस बेचा जा रहा था या नहीं।
इस घटना ने स्थानीय समुदाय में तनाव पैदा कर दिया है। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए त्वरित कार्रवाई की और दुकानदार को सुरक्षा प्रदान की। चमन कुमार को चिकित्सा सहायता दी गई है, और पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि मारपीट के पीछे का कारण क्या था और क्या संदेह में कोई सच्चाई है।
अलीगढ़ की घटना में गौमांस की पुष्टि नहींः पुलिस
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में 24 मई को हुई एक हिंसक घटना में चार मांस व्यापारियों पर भीड़ ने गौमांस ले जाने के संदेह में हमला किया था। अब फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि जब्त किया गया मांस गाय या उसकी संतान का नहीं, बल्कि भैंस का था। यह घटना अलीगढ़ के हरदुआगंज पुलिस थाना क्षेत्र के अलहदादपुर गांव में हुई थी।
पुलिस के अनुसार, चार व्यापारी - नदीम, आकिल, अरबाज, और कदीम (सभी 30 वर्ष की आयु के आसपास) - एक लाइसेंस प्राप्त मांस प्रसंस्करण इकाई से मांस ले जा रहे थे। शनिवार (24 मई 2025) को पनेठी गांव के पास उनकी मिनी-ट्रक को भीड़ ने रोक लिया और गौमांस ले जाने का आरोप लगाकर उनकी बेरहमी से पिटाई की। हमलावरों ने ट्रक को भी आग के हवाले कर दिया। तीन पीड़ितों को गंभीर चोटें आईं और उन्हें जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज (जेएनएमसी) में भर्ती कराया गया।
मांस का नमूना जांच के लिए मथुरा के सरकारी प्रयोगशाला में भेजा गया था। बुधवार (28 मई 2025) को आई फॉरेंसिक रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि मांस गाय या उसकी संतान का नहीं था। अलीगढ़ (ग्रामीण) के पुलिस अधीक्षक अमृत जैन ने बताया कि इस रिपोर्ट के आधार पर पीड़ितों के खिलाफ उत्तर प्रदेश गौवध निवारण अधिनियम, 1955 की धारा 3, 5 और 8 के तहत दर्ज मामले को हटाया जाएगा। पुलिस ने बिना जांच किए ही उल्टा पीड़ितों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया था।
पुलिस ने हमलावरों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 309 (हत्या का प्रयास) सहित अन्य धाराओं में 13 नामजद और 25 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, और अन्य हमलावरों की तलाश के लिए विशेष पुलिस टीमें गठित की गई हैं। घटना की असलियत सामने आते ही विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल की अलीगढ़ इकाइयों ने इस घटना से खुद को अलग कर लिया है, और दावा किया कि गिरफ्तार किए गए लोग उनकी संगठन के सदस्य नहीं हैं।
उत्तर प्रदेश और दिल्ली में गौवध पर सख्त कानून हैं। गौमांस के संदेह पर भीड़ द्वारा हिंसा की घटनाएं समय-समय पर सामने आती रही हैं। इस घटना ने एक बार फिर गौ-रक्षा के नाम पर होने वाली हिंसा और सामुदायिक तनाव को उजागर किया है। स्थानीय समुदाय और विपक्षी दलों ने इसे मुस्लिम समुदाय के खिलाफ टारगेट हमला करार दिया है, और इसे "राज्य-प्रायोजित गौ-रक्षा उग्रवाद" का हिस्सा बताया है।
दोनों घटनाओं ने सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर व्यापक विवाद खड़ा कर दिया है। जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने अलीगढ़ की घटना को "बर्बर और राष्ट्रीय विवेक पर धब्बा" करार दिया। उन्होंने कहा कि पीड़ितों के पास वैध दस्तावेज थे, फिर भी उनकी बेरहमी से पिटाई की गई। कई विपक्षी नेताओं, जिनमें मोहम्मद फुरकान पूर्व महापौर अलीगढ़ (बसपा), संजय सिंह (आप), चंद्रशेखर आजाद (आजाद समाज पार्टी), इमरान मसूद (कांग्रेस), दानिश अली और रामजी लाल सुमन (सपा) शामिल हैं, ने पीड़ितों से अस्पताल में मुलाकात की और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। सुमन ने कहा, "रिपोर्ट से साफ है कि यह भैंस का मांस था। दोषियों को गिरफ्तार कर सजा दी जानी चाहिए।"
05/29/2025 07:39 PM