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एएमयू में हजारों छात्रों ने किया नगर निगम का विरोध: बोले-जमीन नगर निगम की नहीं बल्कि एएमयू की है
अलीगढ़ के भमोला माफी स्थित नगला पटवारी में हुई नगर निगम की कार्रवाई के विरोध में शुक्रवार को यूनिवर्सिटी के सैकड़ों छात्र एकजुट हुए और विरोध मार्च निकाला। छात्र कैंपस के अंदर एकत्रित हुए और हाथों में पोस्टर बैनर लेकर नारेबाजी करते हुए बाब-ए-सैयद तक पहुंचे।
छात्रों का कहना है कि नगर निगम ने जो कार्रवाई की है, वह पूरी तरह से गलत है। जिस जमीन को नगर निगम ने अपनी बताते हुए वहां पर सूचना चस्पा कर दी है हैं, वह सालों से एएमयू के पास है। आक्रोशित छात्रों ने कहा कि नगर निगम ने इस जमीन के लिए कभी नोटिफिकेशन भी जारी नहीं किया और अचानक प्रशासन के साथ मिलकर कार्रवाई की है। जो कि गलत है और कब्जा है।
नगर निगम की कार्रवाई के बाद एएमयू ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं जताई थी। एएमयू के संपत्ति विभाग इस मामले की जांच में जुट गया था। लेकिन आक्रोशित छात्रों ने शुक्रवार को प्रदर्शन किया। सैकड़ों की संख्या में छात्र लाइब्रेरी के पास एकत्रित हुए और नारेबाजी करते हुए बाब-ए-सैयद तक पहुंचे।
यहां पर छात्रों ने डिप्टी प्रॉक्टर नवाज अली जैदी को अपना ज्ञापन सौंपा है और कहा कि एएमयू को इस कार्रवाई के खिलाफ एक्शन लेना चाहिए। छात्रों ने नगर निगम के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है और कहा कि इस मामले में नगर निगम के खिलाफ एफआईआर की जानी चाहिए। क्योंकि बिना किसी साक्ष्य और दस्तावेजों के नगर निगम ने यह कार्रवाई की है।
नगर निगम ने प्रशासन के साथ मिलकर बुधवार को कार्रवाई की थी। एसडीएम कोल के साथ पहुंची नगर निगम की टीम ने भमोला माफी स्थित नगला पटवारी में गाटा संख्या 7 से 41050 वर्गमीटर की जमीन को अपने कब्जे में लिया है। इसके साथ ही सार्वजनिक सूचना जारी कर दी थी कि यह जमीन नगर निगम की है। वहीं बताया जा रहा है कि यह जमीन 126 करोड़ रुपए की है।
राइडिंग क्लब कर रहा था इस्तेमाल
हॉर्स राइडिंग क्लब के पूर्व कैप्टन मोहम्मद इमरान गाजी ने बताया कि जिस जमीन को नगर निगम अपना बता रहा है, वह एएमयू के हॉर्स राइडिंग क्लब की है। यहां सालों से राइडिंग की जा रही है। 1992 तक जमीन की पजेशन और सारी चीजें यूनिवर्सिटी के पास थी।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रशासन ने रखा अपना पक्ष
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) यह स्पष्ट करना चाहता है कि नगर निगम, अलीगढ द्वारा जिन भूमि संबंधी मामलों को लेकर स्थल पर कार्रवाई की गई है, वह भूमि विश्वविद्यालय की विधिसम्मत स्वामित्वाधीन संपत्ति है। इस संबंध में विश्वविद्यालय के पास सभी प्रासंगिक दस्तावेज, अभिलेखीय साक्ष्य और विधिक प्रमाण उपलब्ध हैं, जिन्हें नियमानुसार सक्षम मंचों पर प्रस्तुत किया जा रहा है।
यह भूमि दशकों से विश्वविद्यालय के स्वामित्व में रही है और विश्वविद्यालय द्वारा उसके अवैध कब्जे का कोई प्रश्न ही नहीं है। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय एक केंद्रीय विश्वविद्यालय है, जो अपने समस्त कार्यों में कानूनी मर्यादा, संस्थागत गरिमा और उत्तरदायित्व का पूर्णतः पालन करता है। विश्वविद्यालय इस विषय में उपयुक्त विधिक एवं प्रशासनिक कदम उठा रहा है, ताकि संस्थान के वैध अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित की जा सके।
विश्वविद्यालय अपने सभी हितधारकों को आश्वस्त करता है कि वह अपनी परिसंपत्तियों और संस्थागत प्रतिष्ठा की रक्षा हेतु संकल्पबद्ध है और इस दिशा में सभी आवश्यक प्रयास तत्परता से किये जा रहे हैं।
05/03/2025 03:16 AM