हिंदी भाषा स्नेह, सहानुभूति एवं संवेदना से भरी पड़ी है।:
अंबाह। हिंदी भाषा का इतिहास देखा जाए तो हिंदी भाषा 1000 वर्ष प्राचीन भाषा है हिंदी ऐसी भाषा है जिसमें स्नेह, सहानुभूति एवं संवेदना है हिंदी के माध्यम से हम किसी भी बात को सहजता और सरलता से अभिव्यक्त कर सकते हैं विश्व के सभी देशों में हिंदी एकमात्र ऐसी भाषा है जो संपूर्ण देश को एकता के सूत्र में बांधे रखने की क्षमता रखती है विश्व स्तर पर अगर हम बात करें तो स्वामी विवेकानंद जी स्वामी ने शिकागो में 11 सितंबर 1893 को विश्व धर्म महासभा में भारत की ओर से अपना भाषण हिंदी में दिया जिसको सुनकर सारी दुनिया उनकी मुरीद हो गई इसके बाद हमारे देश के पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेई जी ने संयुक्त राष्ट्र संघ में अपना भाषण हिंदी में दिया जिसे सुनकर पूरा विश्व स्तब्ध रह गया हिंदी के बढ़ते संसार पर अगर हम दृष्टि डालें तो विदेशों में इसकी क्या स्थिति है यह हम मोटे तौर पर अनुमान लगा सकते हैं कि 176 विश्वविद्यालय में हिंदी शिक्षण का कार्य जारी है अमेरिका की मशहूर यूनिवर्सिटी में एमबीए के छात्रों के लिए 2 वर्ष का हिंदी कोर्स अनिवार्य है जिसका प्रमुख कारण है भारत और अमेरिका के बीच व्यापार में भाषा संबंधी कोई दिक्कत ना आए ! मॉरिशस एक ऐसा देश है यहां सबसे ज्यादा हिंदी बोली जाती है ! मेरा शोध जो मॉरिशस के एक कवी पर था उसमें मैंने पढ़ा है कि मॉरिशस एक ऐसा देश है जहां सबसे ज्यादा हिंदी का बोलबाला है जिसे आधा भारत कहा जाता है ! आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी ने भी बोला है कि जब हम हिंदी में बोलते हैं ,हिंदी में सोचते हैं, हिंदी में सपने देखते हैं ,तो हम अन्य भाषाओं को क्यों इतना महत्व देते हैं हमें जरूरत है कि अपने देश के विकास के लिए अन्य देशों की तरह हम अपनी भाषा को प्रमुखता दें अपने बच्चों को हिंदी भाषा के प्रति प्रेरित करें और यह मेरा वक्तव्य है कि निश्चय ही जन जन का का पथ ज्योतिर्मय करने वाली हिंदी केवल बहुभाषीय भारतीयों को एकता के सूत्र में नहीं पिरोएगी बल्कि धीरे-धीरे भिन्न-भिन्न विदेशों में हिंदी प्रेमियों को बांधकर देखेगी।
✍🏻नीति जैन अंबाह
09/15/2022 11:22 AM