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पर्यूषण पर्व मुरार में आर्षमति माताजी के सानिध्य में बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है।: पर्यूषण पर्व मुरार में आर्षमति माताजी के सानिध्य में बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है।
ग्वालियर। परम पूज्य गुरुदेव सराकोद्धारक, षष्टम पट्टाचार्य समाधिस्थ 108 ज्ञानसागर महाराज की अंतिम दीक्षित परम प्रभावक शिष्या, युवा प्रणेता, वात्सल्यमयी, वन्दनीय, गणिनी आर्यिकारत्न 105 आर्षमती माताजी ससंघ(04 पिच्छी) का मंगल चतुर्मास धर्म नगरी मुरार में चल रहा हैं। इसी दौरान सौरभ जैन अंबाह वाले ने बताया कि पर्यूषण पर्व के दूसरे दिन मार्दव धर्म पर आर्षमति माताजी ने प्रवचन करते हुए कहा अपनी शक्ति, धन,धान्य, दान, तप का घमंड नहीं करना। अपने घमंड के कारण, किसी को कष्ट नहीं देना, मन के भावों को निर्मल रखना, अपने अभिमान व घमंड को खत्म करना ही उत्तम मार्दव धर्म है। माताजी ने कहा कि हम 365 दिनो मे जाने अनजाने में बहुत से पाप करते हैं , पर्युषण पर्व के 10 दिनों में इतनी पूजा भक्ति करें कि हमारी पापों का क्षय हो जाए और हमारी शक्ति का संचय हो जाए। जैन युवा मंडल मुरार द्वारा आज अभिषेक पूजा पाठ किया गया। आगामी 11 तारीख को क्षमावाणी पर्व जैन धर्मशाला मुरार में बड़ी धूमधाम से मनाया जाएगा।
09/01/2022 04:14 AM