Lucknow
पैगंबर पर टिप्पणी का नतीजा: मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस्लामिक विद्वानों से कहा-टीवी डिबेट में न जाएं मौलाना, उल्मा:
लखनऊ। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने शुक्रवार को मुस्लिम विद्वानों और उलेमाओं (मौलवी) से टीवी चैनल की बहस में हिस्सा नहीं लेने की अपील की।
मुस्लिम निकाय ने एक परामर्श में कहा, "कार्यक्रमों में भाग लेकर, वे इस्लाम और मुसलमानों की कोई सेवा नहीं कर पा रहे हैं, लेकिन परोक्ष रूप से इस्लाम और मुसलमानों का अपमान और मज़ाक कर रहे हैं।"
एआईएमपीएलबी ने कहा कि मुस्लिम विद्वानों और उलेमाओं को उन चैनलों का बहिष्कार करना चाहिए जिनका एकमात्र उद्देश्य इस्लाम और मुसलमानों का उपहास करना है। एआईएमपीएलबी ने कहा, "अगर हम उनके कार्यक्रमों का बहिष्कार करते हैं, तो न केवल उनकी टीआरपी गिरेगी बल्कि वे अपने उद्देश्यों में भी बुरी तरह विफल हो जाएंगे।"
मुस्लिम निकाय ने कहा कि टीवी बहस में भाग लेना इस्लाम और मुसलमानों की सेवा नहीं करता है। बल्कि, यह अप्रत्यक्ष रूप से संप्रदाय का अपमान और उपहास करता है।
बोर्ड ने कहा इन कार्यक्रमों का उद्देश्य कभी भी रचनात्मक बहस के माध्यम से किसी निष्कर्ष पर पहुंचना नहीं है। वे केवल एक मुस्लिम विद्वान को अपनी 'निष्पक्षता' साबित करने के लिए आमंत्रित करते हैं और हमारे विद्वान और उलेमा उनकी साजिशों के शिकार हो जाते हैं।
मुस्लिम समाज के लोगों ने व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस फैसले को सराहा व स्वागत किया, उन्होंने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को यह फैसला पहले ही दे देना चाहिए था अब टीवी डिबेट में मौलाना वर्मा का ना जाने का फैसला बहुत ही अच्छा है इससे कथित मीडिया का माहौल खराब करने का प्रोपेगेंडा विफल होगा। टीवी डिबेट में जाने वाले नेताओं को भी मुस्लिम एवं इस्लाम के ऊपर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए अगर कोई गलत टिप्पणी करें तो उसके विरुद्ध तत्काल कानूनी कारवाही की जाए, ताकि देश में अमन चैन भाईचारा पर कोई उंगली ना उठा सके और सभी आपस में मोहब्बत से रहे।
06/11/2022 06:32 AM